श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया ।
ऐसी रंग दे, के रंग नहीं छुटे । धोभिया धोये चाहे सारी उमरिया ॥
लाल ना रंगाऊं मैं, हरी ना रंगाऊ । अपने ही रंग में रंग दे चुनरिया ॥
बिना रंगाये मैं तो घर नाही जाउंगी । बीत ही जाए चाहे सारी उमरिया ॥
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर । प्रभु चरनन ने लागी नजरिया ॥
ऐसी रंग दे, के रंग नहीं छुटे । धोभिया धोये चाहे सारी उमरिया ॥
लाल ना रंगाऊं मैं, हरी ना रंगाऊ । अपने ही रंग में रंग दे चुनरिया ॥
बिना रंगाये मैं तो घर नाही जाउंगी । बीत ही जाए चाहे सारी उमरिया ॥
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर । प्रभु चरनन ने लागी नजरिया ॥
🎶 About this Bhajan
यह एक प्रसिद्ध भक्ति भजन है जिसे मीरा बाई द्वारा रचा गया माना जाता है। इसमें प्रभु से मिलन की तीव्र प्यास और आत्मा की पुकार को खूबसूरती से व्यक्त किया गया है।
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